अमलतास के चौंकाने वाले फायदे!!
सड़कों के किनारे लगे पीले फूलों वाले वृक्षों को तो आपने देखा ही होगा. लम्बे-लम्बे पेट पेले पुष्पों के साथ सड़क की शोभा बढाते हुए नज़र आते हैं. अक्सर यह पेड़ मैदानी क्षेत्रों सहित देहरादून के जंगलों में अक्सर मिल जाते हैं. अमलताश के पुष्प गंधहीन होते हैं लेकिन इनके औषधीय गुण जानकर चौंक जाएंगे. आज हम आपको अमलतास की कुछ ऐसी खूबियाँ बता रहे हैं जिनके बारे में शायद ही आप इससे पहले जानते रहे होंगे.
- बुखार उतारने में अमलतास का प्रयोग किया जाता रहा है. इसके जड़ की छाल को पानी में खौलाकर दिन में आधा कप 3 बार सेवन करने से हड्डी में चढ़ा बुखार भी ठीक हो जाता है.
- अमलतास के फूल का काढ़ा बनाकर सुबह-शाम सेवन करने से सूखी खांसी हमेशा के लिए अलविदा कह देती है.
- अमलताश की छाल का काढ़ा बनाकर गरारा करने से गले की ख़राश समाप्त हो जाती है. इसके सेवन से आपके गले में हो रहा दर्द भी समाप्त हो जाता है.
- अमलतास के गूदे को पानी में गर्म करके नाभि के चारों तरफ़ लेपन करने से पेट का दर्द और कब्ज समाप्त हो जाता है.
- अमलतास के गूदे को पानी में घोलकर 2 चम्मच सुबह सेवन करने से सांस सम्बन्धी रोग ठीक हो जाते हैं. इसके सेवन से कफ़ रोग में शांति मिलती है.
- अमलतास की छाल का काढ़ा बनाकर घाव में लगाने से घाव धीरे-धीरे ठीक हो जाता है. इसक प्रयोग फोड़े-फुंसियों में करने से भी आराम मिलता है.
- बिच्छू का दंश होने पर अमलताश के गूदे को पीसकर उस जगह पर लगाने से विष उतर जाता है और दर्द धीरे-धीरे गायब हो जाता है
- यदि आपको फोड़े-फुंसी की शिकायत हो तो अमलतास के पत्तों को पीस लें. पीसे हुए पत्तों में एक चम्मच घी मिलाकर फुंसियों पर लगाएं. ऐसा एक सप्ताह तक करने से आराम मिलता है.
- मुनक्के में अमलतास का गुदा मिलकर सेवन करने से पेट साफ़ हो जता है. इससे कब्ज की समस्या समाप्त हो जाती है.
- इमली और अमलतास के गूदे को बराबर मात्रा में पीस लें. इसको सोने से पहले गुनगुने पानी से सेवन करने से कब्ज की समस्या दूर हो जाती है.